दीपावली एवं हिंदू नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें








आप सभी पाठकों को,समग्र विश्व को दीपावली एवं हिंदू नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें और अभिनन्दन के साथ मेरे प्रणाम स्वीकार हों। 


महानगरों एवं शहरों की दिवाली ग्रामीण परिवेश की दीपावली से सर्वथा भिन्न एवं व्यावहारिक सी लगती है। गांव देहात की दीपावली मनाने का सिलसिला शुरू होता है दीपदान से, इस दिन सारी सम्पत्ति,उपयोगी हों या अनुपयोगी,ज़रूरी हो या व्यर्थ सबकी समान इज़्ज़त होती है,चाहे घर हो या खेत सब जगह दीप प्रज्वलित करके सम्मान प्रदर्शित किया जाता है,यहाँ तक कि,घूर पर जहाँ कूड़ा करकट फेंका जाता है वहां भी दीपक प्रज्वलित करने की परंपरा होती है। 
दीप प्रज्वलित करने की प्रथा प्रतीकात्मक होती है,यह प्रतीक है उस विशाल घने फैले हुए अँधेरे के प्रति एक दीप की प्रकाश को फ़ैलाने की कोशिश का,जो आम आदमी के जीवन में प्रतिदिन नयी नयी चुनौतियों एवं कठिनाईयों के ,जो कि, अँधेरे का प्रतीक हैं , अपनी मेधा और ज्ञान के दीपक के प्रकाश की  शक्ति से दूर करने का एक प्रयास है। 
आप भी अपनी अंधकार एवं संकटरूपी चुनौतियों का,नित नए दीपक जला कर उनके अँधेरों को दूर करने का प्रयास करें इन्हीं शुभकामनाओं के साथ शुभ दिपावली एवं नूतन वर्ष मंगलमय हो। 



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